Shiksha Shasrti Course

जवाहरलाल नेहरू शिक्षण संस्थान हाडोती क्षेत्र में शिक्षा को समर्पित संस्थान हे जो की आदर्श शिक्षक निर्माण के संकल्प को लेकर सन 1965 से शिक्षक प्रशिक्षण संस्थान चला रहा है। 23 अगस्त 2007 से इस संस्थान में संस्कृत क्षेत्र में शिक्षक तैयार करने के उद्देश्य से जगतगुरू रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविद्यालय जयपुर से संबद्धता लेकर शिक्षा शास्त्री महाविद्यालय का संचालन प्रारंभ किया। संस्थान के जागरूक एवं कर्मठ तथा समाजसेवी तत्कालीन अध्यक्ष महोदय स्व. श्री हरिकुमार औदिच्य एवं सदस्यों के मार्गदर्शन व सद्प्रयासो के द्वारा यह शिक्षा शास्त्री महाविद्यालय निरंतर प्रगतिपथ पर अग्रसर होता रहा है। महाविद्यालय अपनी परम्पराओ एवं कार्यशेली को लेकर हाडोती क्षेत्र में ही नहीं अपितु राजस्थान में विशेष स्थान रखता है।

महाविद्यालय सम्रद्ध पुस्तकालय , वाचनालय , आई . टी . लैब आदि है तथा शिक्षक व्यवसाय में अभिवृद्धि हेतू सेमिनार , कार्यशाला आदि समय-समय पर आयोजित की जाती है महाविद्यालय की अपनी कार्यशैली को देखते हुए विश्वविद्यालय द्वारा 20 जुलाई 2015 को शिक्षा शास्त्री महाविद्यालय के रूप में स्थायी मान्यता प्रदान की गई है ।

महाविद्यालय में जगतगुरू रामानंदाचार्य राजस्थान संस्कृत विश्वविध्यालय जयपुर द्वारा P.S.S.T. परीक्षा द्वारा शिक्षा शास्त्री में छात्राध्यापको को प्रवेश दिया जाता है राज्य सरकार तथा एन सी टी ई के मानदण्डों के अनुसार स्नातक तथा अधिस्नातक की पात्रता रखने वाला कोई भी छात्र प्री शिक्षा शास्त्री प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित हो सकता है। पात्रता के सम्बन्ध में अनुसूचित जाति जनजाति व अन्य वर्गों को छूट का प्रावधान राज्य सरकार के नियमानुसार P.S.S.T.आयोजित करवाने वाली ऐजेंसी द्वारा दिया जाता है। बी एड में महाविद्यालय को सीधे प्रवेश देने का अधिकार नही है। जो छात्र P.S.S.T.सूची के अनुसार आवंटित होकर महाविद्यालय में आते है महाविद्यालय उन्ही का प्रवेश करता है। एन सी टी ई के निर्देशानुसार शिक्षा शास्त्री कोर्स सन 2015-16 से दो वर्ष हो गया है जिन्हें महाविद्यालय में 13 विषय पढ़ाने की सुविधा है इन विषयों के अलावा महाविद्यालय संस्कृत के उत्थान हेतु प्राम्भ से ही संस्कृत संभाषण शिविरों का तथा संस्कृत श्लोक पाठ एवं संस्कृत सुलेख प्रतियोगिता का प्रतिवर्ष आयोजन कराता है। छात्राध्यापको की अन्य प्रतिभावो का विकास करने के उद्देश्य से सांस्कृतिक, साहित्यिक गतिविधियों तथा स्वरुप का ध्यान रखते हुए खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। संस्था आदर्श शिक्षक निर्माण के उद्देश्य को लेकर सतत प्रयासरत है। जिससे विद्यार्थी आधुनिक तकनीकी ज्ञान एव संकृत में सामंजस्य स्थापित कर ज्ञान को सुद्र्ड बना सके।

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